आते हो हर रोज ख्वाब में

कभी मुस्कुराते हुए

कभी सहमे से कदम बढ़ाते हुए

लगते हो मुझे मेरा आइना, पर तुम

खो जाते हो कही सुबह होते ही

बस यूँ ही।

देते हो रास्तों में साथ कदम दर कदम

होता है जहां सामना मुश्किलो से

दिख जाते हो अक्सर वह खिलखिलाते हुए

लगते हो मुझे मेरा हमसाया, पर तुम

बिछड़ जाते हो कहीं सुबह होते ही

बस यूँ ही।

@j

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