ऐ चांद बता सौंपू क्या तुझको

अपने इन खाली हाथो से।

बन सांस उतर जाऊं मै तुझमें

या बहलाऊं तुझको बातों से।।
ऐ गुल बतला तुझे क्या रंग दूं

अपने इन कोरे हाथो से।

बन साया चलूं तेरे संग मैं

या बन दीप जलूं काली रातों में।।
ऐ खुशी बता तुझे क्या मन दूं

अपने उलझे जज्बातों से।

बन आंसू पूरा बह जाऊ

या सपना बन बस जाऊ तेरी आंखों में।।
तू पवन के झोंको सा जो है

किस ओर बता बहना चाहे।

तू सीप से निकले मोती सा

किस डोर बता गुंथना चाहे।।
ऐ जीनत मेरी बतला मुझको

तू कैसी दुनिया बुनना चाहे।

इस मेरी खाली झोली से 

तू बतला दे क्या चुनना चाहे।।

@j

Happy Birthday Ladali.

Except me, I don’t have anything to give you today.

I am all yours.

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