Sketched By – UMME AIMAN

बिना बोले ही कर जाती हैं गुफ्तगू

आंखें अल्फाजों की मोहताज नहीं होती।।

कभी खुशियों में भी झलक पड़ते हैं आंसू

कभी गम में भी ये नहीं रोती।।

देखो तो हैं छिपी कई कहानियां इनमें

छिपे हों सीप में जैसे कई मोती।।

Aj7Alok